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अतेन्द्र बोले- लोकसभा चुनाव में सांसद का विरोध करने वालों को भाजपा ने टिकट दिया

पूरनपुर ब्लाक प्रमुख उप चुनाव

पीलीभीत। पूरनपुर ब्लाक प्रमुख उपचुनाव में भाजपा का टिकट न मिलने से आहत प्रमुख दावेदार मनप्रीत कौर के पति अतिन्दर पाल सिंह भाजपा प्रत्याशी अपूर्व सिंह की पत्नी मानसी सिंह की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। उन्होंने आज सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर कहा कि भाजपा ने उन लोगों को टिकट दिया है जिन्होंने लोकसभा चुनाव में सांसद का विरोध किया। हम भाजपा में थे, भाजपा में हैं और भाजपा में रहेंगे। ध्यान रहे कि पूरनपुर ब्लाक प्रमुख कमलेश्वरी देवी दीक्षित के निधन के बाद यह सीट रिक्त हो गई थी जिस पर उपचुनाव घोषित किया गया है। इस चुनाव में भाजपा के टिकट के तीन दावेदार थे। जिसमें स्वर्गीय कमलेश्वरी दीक्षित की पुत्रवधू पल्लवी दीक्षित, अपूर्व सिंह की पत्नी मानसी सिंह व अतेन्दर पाल सिंह की पत्नी मनप्रीत कौर शामिल है। तीनों के बीच टिकट को लेकर घमासान मचा रहा। आखिरकार आज पार्टी हाई कमान के निर्देश पर भाजपा जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह ने मानसी सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया। जिसके बाद भूचाल आ गया। प्रमुख दावेदार मनप्रीत कौर के पति अतेंद्र पाल सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर भाजपा के निर्णय को गलत बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उन लोगों को टिकट दे दिया जिन्होंने लोकसभा चुनाव में सांसद का विरोध किया था। उन्होंने ऐलान किया कि वह हर हालत में चुनाव लड़ेंगे। क्योंकि बहुमत का आंकड़ा उनके साथ है। उन्होंने कहा कि कल वह अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। उन्होंने क्षेत्र के बीडीसी मेंबरों और ग्राम प्रधानों से नामांकन में आने की भी अपील की। उनके इस बयान के बाद भाजपा खेमे में खलबली मच गई है। और भाजपा के ही एक नेता के माध्यम से उन्हें मनाने का प्रयास किया जा रहा है। भरोसेमंद सूत्र बताते हैं कि राज्य मंत्री के दरबार में भाजपा के टिकट के तीनों दावेदारों की देर रात मीटिंग बुलाई गई है। ताकि समन्वय स्थापित किया जा सके। हालांकि स्वर्गीय कमलेश्वरी दीक्षित के बेटे आशुतोष दीक्षित उर्फ राजू ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उनका कहना है कि समर्थकों की बैठक में आपसी सहमति के बाद निर्णय लिया जाएगा। लेकिन सूत्रों का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बाद उन्हें भी काफी ठेस लगी है। ब्राह्मण समाज के लोगों ने भी बाकायदा सोशल मीडिया पर भाजपा के निर्णय का विरोध किया है। गौरतलब है कि भाजपा ने क्षत्रिय उम्मीदवार को मैदान में उतारकर जहां क्षत्रिय समाज को साधने का प्रयास किया है वहीं ब्राह्मण समाज व सिख समाज में विरोध पैदा कर लिया है।

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