पीलीभीत जामा मस्जिद इंतेजामिया कमेटी को हाईकोर्ट से मिला स्टे
पीलीभीत। शहर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद प्रबन्ध कमेटी को लेकर चल रहे विवाद में उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने इन्तेजामिया कमेटी के पक्ष में दिया स्टे आर्डर दिया है।
जनपद पीलीभीत की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद इन्तेजामिया कमेटी के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता एमएम ए कादरी शाकिर एडवोकेट एवं सिराज बहादर खाँ सेक्रेटरी हैं। उनके द्वारा जामा मस्जिद का विधिवत प्रबन्ध वक्फ बोर्ड लखनऊ के निर्देशन में किया जा रहा है। जो कि वक्फ बोर्ड के अग्रिम आदेशों तक प्रभावी है। माह अप्रैल 2024 में वक्फ न्यायाधिकरण लखनऊ ने वर्तमान इन्तेजामिया कमेटी के विरूद्व आदेश पारित किया था जिसे कमेटी के वर्तमान सेक्रेटरी सिराज बहादर खाँ द्वारा माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में सिविल रिवीजन सं० 85/2024 में चुनौती दी गई तथा कमेटी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में तर्क प्रस्तुत किये गये कि राज खान द्वारा प्रस्तुत आवेदन तक वर्तमान कमेटी सभी मामलों का सुचारू रूप से प्रबन्ध कर रही थी तथा आज भी वक्फ का प्रबन्ध कर रही है तथा कमेटी का कार्यकाल अभी समाप्त नहीं हुआ है न ही कोई स्थान रिक्त है कमेटी को हटाये बिना नई कमेटी को मान्यता नहीं दी जा सकती है तथा राज खान वक्फ में हितबद्ध व्यक्ति नहीं है न ही वह मुतावल्ली है उसके द्वारा प्रस्तुत आवेदन विधि विरूद्ध है तथा शून्य है तथा उसके द्वारा प्रस्तुत रेफरेन्स भी विधि के सिद्वान्तों के विरूद्ध है। राज खान के अधिवक्ता ने भी उच्च न्यायालय के समक्ष इस तथ्य को बहस के दौरान सही होना स्वीकार किया कि राज खान के आवेदन के समय तक वर्तमान में कार्यरत कमेटी का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ था न ही उसे भंग किया गया था, वर्तमान कमेटी की ओर से प्रस्तुत तर्कों का पूर्ण समर्थन उच्च न्यायालय में वक्फ बोर्ड की ओर से नामित उनके अधिवक्ता द्वारा भी किया गया। वर्तमान में प्रबन्ध कर रही कमेटी द्वारा उच्च न्यायालय में प्रस्तुत तर्कों से सहमत होकर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने मामला विचारण होने का निष्कर्ष दिया गया तथा सुचारू रूप से पूर्व की भांति प्रबन्ध कर रही कमेटी के पक्ष में आदेश पारित करने की तिथि के अनुसार पक्षकारों को यथा स्थिति बनाये रखने के आदेश वर्तमान कमेटी के पक्ष में दिये गये हैं।