यूपी

परचम कुशाई के साथ आला हजरत इमाम अहमद रजा खां के 106 वें सालाना उर्स का आगाज़

ख्वाजा साहब की दरगाह से आए केवडे़, संदल और फूलों की चादर पेश की गई

Bareilly News : आला हजरत इमाम अहमद रजा खां के 106 वें उर्स-ए-रजवी के मुबारक मौके पर सुल्तान-ए-हिंद ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती, अजमेर शरीफ की दरगाह से आए संदल, केवड़ा और गुलाब फूलों की चादर के साथ दरगाह पर पेश किया गया। यह रस्म दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां), सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां और अजमेर शरीफ दरगाह के गद्दीनशीन सय्यद सुल्तान उल हसन चिश्ती ने अदा की। इस दौरान दरगाह पर प्रमुख उलमा मौजूद थे। गुरुवार (आज) शाम परचम कुशाई के साथ तीन दिवसीय उर्स का आगाज हो गया। उर्स में शामिल होने को दुनियाभर से अकीदतमंद (जायरीन) आने लगे हैं। उनको लेकर दुकान भी सज गई हैं।

 

उर्स के मंच से सियासी तकरीर पर पाबंदी
उर्स-ए-रज़वी में आने वाले ज़ायरीन की संख्या में हर वर्ष इज़ाफ़ा हो रहा है। दुनिया भर के अलग अलग मुल्क और देश भर के कोने कोने से लोग आला हज़रत के उर्स में बरेली आते हैं। मगर, इस बार उर्स के मंच से कोई भी सियासी तकरीर नहीं की जाएगी।मंच से उलेमा की सियासी बयानबाजी पर रोक लगा दी गई है। उर्स के मंच जहां पर होगा, वहां सियासी तकरीर नहीं की जाएगी।उलेमा को सिर्फ मजहबी, मुसलमानों के मौजूदा हालात जैसे मसले पर ही तकरीर करने की हिदायत दी गई है।इसके साथ ही दहेज हटाएंगे बेटी बचाएंगे का संदेश दिया जाएगा।

1100 रजाकार को जिम्मा
दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खां (सुब्हानी मियां) ने ऐलान किया है कि इस्लामिया मैदान में आयोजित होने वाले 106 वें उर्स में अबकी बार सभी रजाकार उर्स कराएंगे। कोई भी शख्स किसी भी व्यवस्था का प्रभारी नहीं होगा। उर्स में सहयोग के लिए 1100 रजाकार लगाए गए हैं, जो इस्लामिया मैदान, दरगाह और शहर के चप्पे चप्पे पर तैनात रहेंगे।उर्स-ए-रजवी में दुनियाभर से आने वाले उलेमा व वक्ताओं को तकरीर करने के लिए विशेष टॉपिक दिए जा रहे हैं। दरगाह के नासिर कुरैशी ने बताया कि इस बार खास टॉपिक नामूस-ए-रिसालत (नबी करीम की अजमत), मुस्लिम बच्चे, बच्चियां और उनकी परवरिश, दहेज हटाएंगे, बेटी बचाएंगे आदि मुद्दे पर देश विदेश के सुन्नी, सूफी, खानकाही, बरेलवी मुसलमानों तक स्टेज से खास पैगाम दिया जाएगा।

मथुरापुर जामियातुर रजा मदरसे से तकरीर
शहर के मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर रजा में भी हर साल की तरह उर्स का प्रोग्राम होगा। यहां उर्स का मंच तैयार हो गया है। उर्स प्रभारी सलमान मियां ने बताया कि सभी रस्म काजी-ए-हिंदुस्तान मुफ्ती मुहम्मद असजद रजा खां कादरी की सरपरस्ती में होंगी। देश विदेश से आए उलमा और सज्जादगान को तकरीर के लिए टॉपिक दे दिए गए हैं। उर्स के मंच से सियासत को लेकर कोई भी तकरीर नहीं की जाएगी।

मुस्लिम मुद्दों पर जारी होगा एजेंडा
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात की ओर से मुस्लिम एजेंडा जारी किया जाएगा। संगठन के प्रवक्ता डा. अनवर रजा कादरी ने 12 राज्यों के उलेमा और बुद्धिजीवी की बैठक होने की बात कही। मुसलमानों के मशाइल पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। बैठक में समान नागरिक संहिता, वक्फ संशोधन बिल, पैगंबर इस्लाम की शान में गुस्ताखी जैसे मुद्दे शामिल होंगे। मुस्लिम समाज के अंदर बुराइयों जैसे नशा, लड़कियों को संपत्तियों में हक देने जैसे मसले पर चर्चा होगी। उलमा मुस्लिम एजेंडा जारी करेंगे।

शहर के सभी शिक्षण संस्थान 31 को बंद
उर्स और पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर इस्लामिया मैदान के पास स्थित नौ शिक्षण संस्थान में 29,30 और 31 अगस्त की छुट्टी घोषित कर दी है। इसके साथ ही 31 अगस्त को शहर के सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे।

 

31 अगस्त को 2.38 बजे कुल की रस्म
आला हज़रत का 106 वा उर्स-ए- रज़वी 29 यानी आज से शुरू होगा।यह 30 और 31 अगस्त को मनाया जाएगा। उर्स का आगाज़ 29 अगस्त को परचम कुशाई की रस्म के साथ होगा। समापन 31 अगस्त को दोपहर 2.38 बजे आला हज़रत के कुल शरीफ के साथ होगा। उर्स का आगाज़ इस्लामिया मैदान में परचम कुशाई की रस्म के साथ होगा। इससे पहले आजम नगर स्थित हाजी अल्लाह बख्श के निवास से परचमी जुलूस 4 बजे दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां की क़यादत में कुमार टाकीज,इंदिरा मार्केट होते हुए बिहारीपुर के ढाल के रास्ते दरगाह पहुँचेगा। यहाँ सलामी देने के बाद जुलूस दरगाह से दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां की क़यादत में वापिस इस्लामिया मैदान पहुँचेगा। दुनियाभर के उलेमा की मौजूदगी में हज़रत सुब्हानी मियां यहाँ परचम कुशाई की रस्म अदा करेंगे। इसी के साथ उर्स का ऐलान हो जाएगा। बाद नमाज़ ए मग़रिब महफ़िल ए मिलाद होगी। रात में 10 बजकर 35 मिनट पर आला हज़रत के बड़े साहिबजादे हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म अदा होगी। इसके बाद नातिया मुशायरा हज़रत अहसन मियां की सदारत में चलेगा।30 अगस्त यानी जुमे को नमाज़ ए फ़ज़्र कुरानख्वानी होगी। इसके बाद कांफ्रेस, सुबह 9.58 बजे रेहाने मिल्लत और 10.30 बजे मुफ़स्सिर-ए आज़म के कुल शरीफ की रस्म अदा होगी। इसके बाद आपसी सौहार्द और नामूस ए रिसालत कान्फ्रेस होगी। दिन में कार्यक्रम व चादरपोशी का सिलसिला जारी रहेगा। रात में दुनियाभर के मशहूर उलेमा की तक़रीर होगी। देर रात 1 बजकर 40 मिनट पर मुफ्ती आज़म-ए-हिन्द के कुल शरीफ की रस्म अदा होगी। मीडिया प्रतिनिधि नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स के आखिरी दिन 31 अगस्त शनिवार को बाद नमाज़ ए फ़ज़्र कुरानख्वानी। सुबह 8 बजे से नात ओ मनकबत और तक़रीर का सिलसिला शुरू होगा, यह 2 बजकर 38 मिनट तक जारी रहेगा। आला हज़रत के कुल शरीफ के साथ तीन रोज़ा उर्स का समापन होगा।

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