रिश्वत की रकम अकेले हजम करने की प्रवृत्ति में पकड़ा गया रामसेवक
पीलीभीत. फरीदपुर के थाना प्रभारी रामसेवक पीलीभीत में भी काफी चर्चा में रहते थे। दरअसल थाना माधोटांडा और पूरनपुर कोतवाली में तैनाती के दौरान उनके तमाम मामले सामने आते थे। यहां भी वह स्टाफ से तालमेल नहीं रखता था और थाने का स्टाफ ही उसकी शिकायतें करता था लेकिन एक माननीय का रिश्तेदार बताकर अधिकारी उसके गुनाहों को नजरअंदाज कर देते थे। बरेली में थाने के स्टाफ की नाराजगी ही उसे भारी पड़ गई और वह मोटी रिश्वत लेकर पकड़ा गया अब उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की कई टीमें गठित की गई है। रामसेवक ने फरीदपुर में सात लाख रुपये रिश्वत लेकर दो स्मैक तस्करों को छोड़ दिया। एसएसपी से गोपनीय शिकायत हुई तो एसएसपी के निर्देश पर एसपी और सीओ ने थाने में छापा मारा तो इंस्पेक्टर दीवार फांदकर भाग गया। बरेली के फरीदपुर थाना प्रभारी रामसेवक ने तीन स्मैक तस्कर पकड़ने के बाद उनमें से दो को सात लाख रुपये लेकर छोड़ दिया। तीसरे के थाने में बंद रहने के दौरान उसके करीबियों की आवाजाही से मामला चर्चा में आ गया। इसकी खबर एसएसपी अनुराग आर्य तक पहुंची तो उन्होंने बृहस्पतिवार सुबह-सुबह एसपी दक्षिणी और सीओ को जांच करने थाने भेजा। छापा पड़ते ही इंस्पेक्टर दीवार फांदकर एक दलाल के साथ भाग निकला। तलाशी के दौरान उसके आवास से 9.96 लाख रुपये बरामद किए गए। इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है। फरीदपुर पुलिस ने बुधवार रात गांव नवदिया अशोक निवासी आलम व नियाज अहमद सहित तीन लोगों को स्मैक तस्करी के आरोप में पकड़ा था। उनके पकड़ते ही गिरोह सरगना व अन्य साथी सक्रिय हो गए।उन्होंने रात में ही इंस्पेक्टर रामसेवक से उन्हें छोड़ने की बात की। दो लोगों को छोड़ने का सौदा सात लाख रुपये में तय हुआ। तीसरा व्यक्ति रुपये नहीं दे पाया तो उसे इंस्पेक्टर ने नहीं छोड़ा। सात लाख रुपये लेने के बाद आलम और नियाज को रात में ही छोड़ दिया।
सूत्रों के मुताबिक इंस्पेक्टर की कारस्तानी की जानकारी थाने के ही किसी कर्मचारी ने एसएसपी अनुराग आर्य को दे दी। उन्होंने बृहस्पतिवार सुबह पहले सीओ गौरव सिंह और फिर एसपी दक्षिणी मानुष पारीक को थाने भेजा। इंस्पेक्टर के कार्यालय पर अधिकारी अपनी टीम के साथ तलाशी लेने लगे तो वह मौका पाकर एक दलाल के साथ थाने से फरार हो गया। एसपी दक्षिणी ने इंस्पेक्टर कार्यालय के ठीक पीछे बने आवास की तलाशी ली। यहां एक जगह सात लाख तो दूसरी जगह से करीब 2.96 लाख रुपये बरामद किए गए। सीओ ने भ्रष्टाचार संबंधी धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई है। बताते हैं कि इंस्पेक्टर सरकारी मोबाइल फोन भी अपने साथ ले गया।एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि शिकायत पर तलाशी ली गई तो फरीदपुर इंस्पेक्टर के कमरे से करीब 9,96,000 रुपये बरामद किए गए हैं। इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई है। इसके अलावा भी इस घटनाक्रम में थाने के किसी कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध मिली तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। सिर्फ़ देसी मुर्गे में चल जाता था काम पीलीभीत। कोतवाल रामसेवक पीलीभीत में तैनाती के दौरान काफी चर्चाओं में रहा। यहां के थाना माधोटांडा क्षेत्र में तैनाती के दौरान वह एक देसी मुर्गा लेकर ही खुश हो जाता था और लोगों के काम कर देता था। विभागीय सूत्र बताते हैं कि रामसेवक बहुत सस्ता कोतवाल था। वह रिश्वत के रूप में एक हजार, दो हजार रूपये भी नहीं छोड़ता था और स्टाफ का हक भी नहीं देता था। जिस पर थाने के सिपाही ही उसकी शिकायत एसपी से करते थे। यही नहीं थाने के आसपास के चाय वालों और छोटी-छोटी चीजों के के पैसे भी नहीं देता था। सब्जी और करने का सामान उसे मुफ्त का ही पसंद था। जो दलाल उसे उपलब्ध कराते थे जिससे उसकी काफी बदनामी होती थी। यह प्रवृत्ति ही उसके लिए घातक साबित हुई और वह मोटी रकम लेकर पकड़ा गया।