यूपी

जुडिशियल कमीशन के सामने पूरनपुर भाजपा विधायक के साथ पेश हुआ ‘भोले बाबा’

हाथरस भगदड़ कांड

Lucknow News: हाथरस भगदड़ कांड मामले में पुलिस ने स्वयंभू बाबा सूरजपाल के कार्यक्रम के आयोजन में शामिल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में से एक मंजू यादव फिलहाल इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश से जमानत पर बाहर है। हाथरस में हुए सत्संग में भगदड़ से हुई 121 मौतों के मामले में आज नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने न्यायिक आयोग के सामने अपना बयान दर्ज कराया. भोले बाबा ने लखनऊ की जनपथ मार्केट में न्यायिक आयोग के दफ्तर में अपना बयान दिया. इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. भोले बाबा के बयान दर्ज कराने के दौरान सुरक्षा के चलते जनपथ मार्केट को दोपहर 1 बजे तक बंद रखा गया. पुलिस, पीएसी और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई थी, ताकि सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कमी न हो. वह पूरनपुर के भाजपा विधायक बाबू राम पासवान के साथ उनकी ही फारचूनर गाड़ी से पहुंचे। बता दें कि नारायण साकार हरि के नाम से भी पहचाने जाने वाले सूरजपाल का नाम हाथरस कांड की एफआईआर में शामिल नहीं है. यह एफआईआर सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में 2 जुलाई को भगदड़ के बाद दर्ज की गई थी.

भोले बाबा के वकील ने आरोप लगाते हुए कि यह भगदड़ कोई सामान्य दुर्घटना नहीं थी, बल्कि सनातन धर्म के खिलाफ रची गई साजिश का हिस्सा थी. उन्होंने कहा,हमने न्यायिक आयोग के समक्ष साजिश रचने वालों के नाम और कुछ सीसीटीवी फुटेज भी सौंपे हैं, जिनसे साजिश के बारे में पता चलता है.”इस बयान और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर न्यायिक आयोग अब इस मामले में आगे की जांच करेगा, जिससे यह पता चल सके कि भगदड़ की घटना असल में किस कारण से हुई और इसके पीछे कौन जिम्मेदार था?उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन जुलाई को हाथरस त्रासदी की जांच और भगदड़ के पीछे किसी साजिश की संभावना की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया था.

भगदड़ कांड मामले में पुलिस ने स्वयंभू बाबा सूरजपाल के कार्यक्रम के आयोजन में शामिल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. आरोपियों में से एक मंजू यादव फिलहाल इलाहाबाद उच्च न्यायालयके आदेश से जमानत पर बाहर है.इस मामले में पंजीकृत प्राथमिकी में सूरजपाल का नाम आरोपी के रूप में दर्ज नहीं है. पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी.हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में इसी साल दो जुलाई को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी. मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं.

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