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घूसखोर संजय तोमर प्रकरण: सरकारी गवाह राजेंद्र को अपनी जान का खतरा, एसपी से सुरक्षा की मांग

एसपी को तहरीर देकर सुरक्षा की मांग

पीलीभीत। पिछले दिनों घूसखोरी के आरोप में एंटी करप्शन टीम बरेली द्वारा 50 हजार की रिश्वत के साथ रंगे हाथों पकड़े गए विकास भवन के प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी संजय तोमर प्रकरण में जिलाधिकारी द्वारा नामित सरकारी गवाह जिला कोषागार के लेखाकार राजेंद्र कुमार ने एसपी को तहरीर देकर अपनी जान का खतरा बताया है। उन्होंने सुरक्षा की मांग की है। ध्यान रहे कि गत 21 फरवरी को सेवानिवृत्त ग्राम पंचायत अधिकारी पूरनपुर निवासी राजीव सक्सेना की शिकायत पर बरेली की एंटी करप्शन टीम ने पीलीभीत पहुंचकर विकास जिलाधिकारी द्वारा नामित दो सरकारी गवाहों के साथ भवन स्थित प्रभारी प्रशासनिक अधिकारी कार्यालय में छापा मारा था। जिसमें संजय तोमर को 50 हजार की घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक द्वारा न्यूरिया थाने में संजय तोमर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी। वहीं से उन्हें एंटी करप्शन न्यायालय बरेली पेश किया गया था जहां से जेल भेज दिया गया। इस मामले में एंटी करप्शन टीम ने सरकारी गवाह बनाए गए जिला कोषागार के लेखाकार राजेंद्र कुमार व दूसरे लेखाकार गंगाराम को बयान दर्ज करने के लिए बरेली बुलाया था। बताते हैं कि राजेंद्र कुमार के तो बयान दर्ज हो गए। लेकिन गंगाराम के परिवार में किसी की तबीयत खराब होने पर उनके बयान दर्ज नहीं हो सके अब उन्हें पुनः आज बरेली बुलाया गया है। इधर दूसरी ओर सरकारी गवाह राजेंद्र कुमार ने पुलिस अधीक्षक को तहरीर देकर कहा कि उन पर गवाही न देने के लिए लगातार दबाव बनाया गया। क्योंकि संजय तोमर व पंचायत राज विभाग के अन्य कर्मचारी पहले से उनसे रंजिश मानते हैं इसलिए उन्हें अपनी जान माल का खतरा है उन्होंने एसपी को तहरीर देकर सुरक्षा की मांग की है। राजेंद्र कुमार का कहना है कि वह हमेशा ऐसे लोगों का विरोध करता रहा है जिससे पंचायत राज विभाग और विकास भवन के कर्मचारी उससे रंजिश मानते हैं। उन्होंने एसपी से सुरक्षा की गुहार लगाई है।

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