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बचपन से ही हथियारों से खेलती थीं गुजरात की कर्नल सोफिया कुरैशी

पूरा खानदान था सेना में, बचपन से फौजी बनने का शौक

गुजरात. आपरेशन सिंदूर। सेना की इस कार्रवाई की जानकारी देने के लिए विदेश सचिव विक्रम मिस्री, शीर्ष सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया से बात की। इस दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदूर को पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए न्याय बनाया।
भारतीय सशस्त्र बल ने पहलगाम में 15 दिन पहले हुए आतंकी हमले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए बीती रात पाकिस्तान के कब्जे वाले आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया। भारतीय सेना के इस मिशन का नाम ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) है। ऑपरेशन सिंदूर के जरिए सशस्त्र बलों ने नौ आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। सेना की इस कार्रवाई की जानकारी देने के लिए विदेश सचिव विक्रम मिस्री, शीर्ष सैन्य अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने मीडिया से बात की। इस दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी ने ऑपरेशन सिंदू को पहलगाम हमले के पीड़ितों के लिए न्याय बनाया। लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना के सिग्नल कोर की अधिकारी हैं, जिन्होंने साल 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान में भी काम किया है। यहां उन्होंने युद्ध विराम की निगरानी की और मानवीय मिशनों में सहायता की। गुजरात से आने वाली लेफ्टिनेंट कर्नल कुरैशी के पास बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर की डिग्री है।
कौन हैं कर्नल सोफिया कुरैशी?

गुजरात की रहने वाली सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सिग्नल कोर में अधिकारी हैं और उन्होंने अपने करियर में कई ऐसे मील के पत्थर स्थापित किए हैं, जो महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन चुके हैं। सोफिया कुरैशी ने सेना के ही मैकेनाइज़्ड इन्फैंट्री में कार्यरत मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से विवाह किया। दोनों का एक नौ वर्षीय बेटा भी है। सैन्य पृष्ठभूमि
सोफिया सैन्य परिवार से आती हैं। उनके दादा भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं और उनके पिता भी कुछ समय तक सेना में कार्यरत रहे। इस सैन्य पृष्ठभूमि के कारण बचपन से ही सोफिया भी फौजी बनने का सपना देखने लगी थीं। वर्ष 1999 में उन्होंने ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) के माध्यम से सेना में कमीशन प्राप्त किया। इसके बाद वे देश के विभिन्न हिस्सों में तैनात रहीं, जिनमें काउंटर-इंसर्जेंसी (उग्रवाद-रोधी) क्षेत्रों में भी उन्होंने कार्य किया।

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सोफिया कुरैशी का करियर

सोफिया कुरैशी को शांति अभियानों का अनुभव भी रहा है। वर्ष 2006 में उन्होंने कांगो (अफ्रीका) में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में मिलिट्री ऑब्जर्वर रूप में सेवाएं दीं। इसके अलावा उन्होंने ऑपरेशन पराक्रम के दौरान पंजाब सीमा पर कार्य किया। वहीं, पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ राहत अभियान के दौरान उनके संचार कार्य को Signal Officer-in-Chief कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया।

सोफिया कुरैशी की एतिहासिक उपलब्धि

लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी पहली महिला अधिकारी हैं जिसने विदेशी सैन्य अभ्यास का नेतृत्व किया। मार्च 2016 में सोफिया कुरैशी ने इतिहास रचते हुए पहली भारतीय महिला अधिकारी बनने का गौरव प्राप्त किया, जिन्होंने किसी बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व किया। यह अभ्यास ‘एक्सरसाइज फोर्स 18’ के नाम से पुणे में 2 मार्च से 8 मार्च 2016 के बीच आयोजित हुआ। यह अब तक का भारत द्वारा आयोजित सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था।इसमें आसियान (ASEAN) देशों के साथ-साथ भारत, जापान, चीन, रूस, अमेरिका, कोरिया, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया की सेनाएं शामिल हुईं। इस अभ्यास में कुल 18 सैन्य टुकड़ियों ने भाग लिया, जिनमें से सोफिया अकेली महिला अधिकारी थीं, जिन्होंने भारतीय टुकड़ी का नेतृत्व किया। उनकी टुकड़ी में 40 सदस्य थे, जो संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों और ह्यूमैनिटेरियन माइन एक्शन के प्रशिक्षण में शामिल रहे। up news network♦

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