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बेंगलुरु से बरेली आ रही फ्लाइट में मचा इमरजेंसी का शोर, पीलीभीत के डॉक्टर ने बचाई जान

डॉक्टर की तत्परता से टली इमरजेंसी लैंडिंग, 15 मिनट देरी से पहुंची फ्लाइट


सुमित सक्सेना, पीलीभीत।

कहते हैं डॉक्टर धरती के भगवान होते हैं, लेकिन पीलीभीत के एक डॉक्टर धरती से हजारों फीट की ऊंचाई पर दो साल की बच्ची के लिए भगवान बनकर सामने आए। यह पूरा वाकया डॉक्टर्स डे पर बेंगलुरु से बरेली आ रही फ्लाइट में हुआ। मंगलवार को बेंगलुरु से बरेली के लिए उड़ान भरने के एक घंटे बाद ही इंडिगो की फ्लाइट में क्रू मेंबर इमरजेंसी-इमरजेंसी चिल्लाने लगी। पायलट के कॉकपिट में मैसेज पहुंचा तो फ्लाइट में हड़कंप मच गया। पीलीभीत के एक डॉक्टर ने परिस्थिति को संभाला, जिससे फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग टल गई। फ्लाइट में मौजूद यात्रियों ने डॉक्टर के लिए तालियां बजाकर आभार प्रकट किया।

इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या 6E941 ने सुबह 11:40 बजे बेंगलुरू एयरपोर्ट सकुशल उड़ान भरी। उड़ान भरने के करीब एक घंटे बाद सीट संख्या 10F पर अपनी मां के साथ सफर कर रही दो साल की बच्ची को अचानक दौरा पड़ा। बच्ची बिस्कुट खा रही थी, जो दौरा पड़ने की वजह से उसके गले में अटक गया। बच्ची की सांस की नली चोक हुई और वह बेहोश हो गई। देखते ही देखते बच्ची का शरीर नीला पड़ने लगा। मां घबरा गई, उसने मदद की गुहार लगाई।
क्रू मेंबर्स ने तुरंत इमरजेंसी अनाउंस करते हुए पायलट को मैसेज भेजा। शोर सुनकर फ्लाइट में मौजूद पीलीभीत निवासी हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नूरुल कमर मलिक बच्ची के पास पहुंचे। उन्होंने इमरजेंसी स्थिति में बच्ची को चोकिंग और दौरे से बाहर निकाला। पांच मिनट बाद बच्ची होश में आई। डॉ.नूरुल ने उसे आवश्यक दवाइयां दी, इसके बाद वह सामान्य हुई।
डॉक्टर्स डे पर डॉ. नूरुल की तत्परता से दो साल की बच्ची की जान बच गई। पायलट, क्रू मेंबर्स सहित सभी यात्रियों ने तालियां बजाकर डॉ. नूरुल की सराहना की। घटना के कारण फ्लाइट करीब 15 मिनट देरी से बरेली एयरपोर्ट पहुंची। एयरपोर्ट पर मौजूद बच्ची के पिता ने डॉ. नूरुल का आभार जताया।
बरेली एयरपोर्ट पर बच्ची व उसके परिजनों के साथ डॉ. नूरुल।
यह एक पैनिक स्थिति होती है। अगर बच्ची को समय पर इलाज नहीं मिलता, तो गम्भीर परिणाम हो सकते थे। यह खुशनसीबी है कि डॉक्टर्स डे पर ऐसे सेवा करने का मौका मिला, इससे यादगार और क्या होगा..!!
फ्लाइट में बच्चों को खाद्य पदार्थ देने से बचना चाहिए। अगर बहुत आवश्यक है तो कुछ लिक्विड पदार्थ दिया जा सकता है। अगर मौके पर कोई चिकित्सक मौजूद नहीं होता तो स्थिति बिगड़ सकती थी। फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग करानी होती, क्योंकि बच्ची का शरीर नीला पड़ने लगा था।
– डॉ. नूरुल कमर मलिक

 

कौन हैं डॉ. नूरुल, न्यूबॉर्न केयर में भी विशेषज्ञ           

डॉ. नूरुल कमर मलिक ने हाल ही में राजीव गांधी चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय, कर्नाटक से डीएम (कार्डियोलॉजी) की पढ़ाई पूरी की है। वह अब पीलीभीत व बरेली में सेवाएं देंगे, जिसके लिए मंगलवार को बेंगलुरु से बरेली लौट रहे थे। डॉ. नूरुल ने एमबीबीएस व डीएनबी करने के उपरांत तीन वर्ष तक जिला महिला अस्पताल, पीलीभीत में सेवाएं दीं। न्यूबॉर्न केयर में विशेषज्ञता हासिल कर डॉ. नूरुल ने महिला अस्पताल स्थित स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) का बेहतर ढंग से संचालन किया। वर्ष 2021 में उनका चयन डीएम (कार्डियोलॉजी) के लिए हुआ।

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