पीलीभीत के महिला अस्पताल में गाइडलाइन दरकिनार कर सीएमएस उड़ा रहे बजट, पूर्व में हो चुके आयोजन पर फिर से खर्च किए लाखों रुपये
पीलीभीत
उत्तर प्रदेश के जिला महिला अस्पताल पीलीभीत में एक बड़ा बजट ठिकाने लगाने के लिए स्वतंत्रता दिवस का दिन निश्चित किया गया। जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार ने करीब 10 लाख रुपये के भुगतान दिखाने के लिए ईको फ्रेंडली अवार्ड के नाम पर कार्यक्रम का आयोजन कराया है। जिला महिला अस्पताल संबद्ध स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय पीलीभीत के बैनर तले शहर में छतरी चौराहे के समीप एक होटल में ईको फ्रेंडली अवार्ड 2021-22 के नाम से गुरुवार को कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
बताते चलें कि जिला महिला अस्पताल पीलीभीत को वित्तीय वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कायाकल्प अवार्ड योजना के अंतर्गत दो पुरस्कार राशियां प्राप्त हुई थीं। इस योजना के तहत पहली राशि कायाकल्प अवार्ड के लिए 8 लाख रुपये व दूसरी राशि ईको फ्रेंडली में प्रथम आने पर 10 लाख रुपये दी गई थी। गाइडलाइन के मुताबिक कायाकल्प अवार्ड के लिए मिली पुरस्कार राशि का 25 फीसदी हिस्सा अवार्ड समारोह, पांच फीसद हिस्सा सर्टिफिकेट प्रिंटिंग स्मृति चिन्ह, 30 फीसद हिस्सा नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफाइड चिकित्सा इकाई पर एक्सपोजर भ्रमण व 10 फीसद हिस्सा अधिकारियों कर्मचारियों को नियमित प्रशिक्षण में लर्निंग रिसोर्स मैटेरियल्स रिफ्रेशमेंट आदि में खर्च किया जाना था।
तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधीक्षिका डॉ. अनीता चौरसिया ने दोनों पुरस्कारों की सफलता का सम्मिलित सम्मान समारोह शहर में नौगवां चौराहे के समीप एक होटल में भव्य रूप में आयोजित किया था। कार्यक्रम में तत्कालीन जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार को मुख्य अतिथि बनाया गया था। इस भव्य आयोजन के सीएमओ डॉ. आलोक कुमार समेत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, चिकित्सक व कर्मचारी गवाह बने थे। इस आयोजन की थीम- स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत कायाकल्प अवार्ड योजना वर्ष 2021-22 प्रदेश में उच्चतम अंक प्राप्त करने व ईको फ्रेंडली में प्रथम स्थान आने के उपलक्ष्य में सम्मान समारोह रखी गई थी। इस कार्यक्रम में अस्पताल के कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि के साथ ही शील्ड व प्रमाण पत्र का वितरण किया गया था।
ऐसे में शब्दों का हेरफेर कर अब इस कार्यक्रम का दुबारा आयोजन कराया जा रहा है, जिससे बचे हुए बजट को अनियमित ढंग से खर्च कर शासन की मंशा पर पानी फेरा जा सके। मामले में पक्ष जानने के लिए जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजेश कुमार को फोन किया गया तो उन्होंने थोड़ी देर में बात करने का हवाला दिया।
ईको फ्रेंडली अवार्ड के लिए नहीं कार्यक्रम का प्रावधान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक कायाकल्प अवार्ड स्कीम के अंतर्गत चिकित्सा इकाई हेतु ईको फ्रेंडली अवार्ड के लिए 10 लाख रुपये की धनराशि अलग से प्रावधानित है। ईको फ्रेंडली अवार्ड के तहत मिली धनराशि को नवीन आयामों के समावेश एवं अभिनव प्रयोगों को बढ़ावा देने के लिए प्रयोग करना होता है। ईको फ्रेंडली अवार्ड में अलग से कार्यक्रम कराने व प्रोत्साहन राशि बांटने का कोई प्रावधान नहीं है।
एनएचएम द्वारा जारी ईको फ्रेंडली चेकलिस्ट के मुताबिक ईको फ्रेंडली अवार्ड राशि का प्रयोग अस्पताल परिसर में बिजली खपत को कम करने, सोलर पैनल लगवाने, हरियाली बढ़ाने, पर्यावरण स्वच्छ करने के उपायों आदि में किया जाना चाहिए था।
होटल में कार्यक्रम करने का प्रावधान नहीं
गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाने में माहिर आला अधिकारियों ने एनएचएम की मिशन निदेशक के दिशानिर्देशों को ध्यान से नहीं पढ़ा। पहला यह कि ईको फ्रेंडली के नाम पर सम्मान समारोह के आयोजन का प्रावधान ही नहीं है। दूसरा इस तरह का आयोजन होटलों में करने का भी नियम नहीं है। गाइडलाइन में स्पष्ट विनिर्दिष्ट है कि चिकित्सा इकाई स्तर पर सम्मान समारोह का आयोजन किया जाना है।
“मेरे द्वारा ईको फ्रेंडली अवार्ड के तहत प्राप्त बजट को एमसीएच विंग में जाल लगवाने के लिए सुरक्षित रखा गया था। बिल्डिंग हैंडओवर न होने के कारण जाल नहीं लग पाया। मेरे कार्यकाल के दौरान वर्ष 2021-22 के अवार्ड का सम्मान समारोह आयोजित हो चुका है। कायाकल्प व ईको फ्रेंडली का सम्मिलित कार्यक्रम आयोजित हुआ था। दुबारा कार्यक्रम आयोजन के संबंध में जानकारी नहीं है, हो सकता है कोई नई गाइडलाइन आ गई हो।“
– डॉ. अनीता चौरसिया, तत्कालीन सीएमएस, जिला महिला अस्पताल