एसपी आवास के सामने नियमों की अनदेखी, कमिश्नर के आदेश भी नहीं मानते नगर पालिका के अधिकारी
टीएसी रिपोर्ट के बाद भी नहीं सुधरा नाला निर्माण
पीलीभीत
शहर में नगर पालिका परिषद द्वारा 9 करोड़ रुपए की लागत से हो रहे नाला निर्माण में बड़े घपले का खुलासा हुआ है। मंडलायुक्त डॉ सौम्या अग्रवाल के निर्देश पर हुई टीएसी जांच में घपलेबाजी पकड़ी गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर मंडलायुक्त ने ठेकेदार को दोषी करार देते हुए दस फीसदी कटौती करने के निर्देश दिए हैं। कटौती होने के बाद भी ठेकेदार भ्रष्टाचार करने पर आमादा है।
नगर पालिका के द्वारा नौ करोड़ की लागत से शहर में बेहतर जल निकासी के लिए नालों का निर्माण कराया जा रहा है। पहली बारिश में डिग्री कॉलेज के पास बना नाला धराशाई हो गया था। प्रकरण में नगर पालिका अध्यक्ष व अधिकारियों की कमीशनखोरी की चर्चा का शोर मचने लगा था। नालों की शिकायत का संज्ञान लेकर मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने टीएसी को जांच करने के निर्देश दिए थे। टीएसी के अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट कमिश्नर को सौंपी जिसमें ठेकेदार को दोषी करार दिया गया था। मंडलायुक्त ने जांच रिपोर्ट के बाद भुगतान में से दस फीसदी कटौती करने के निर्देश दिए। कटौती होने के बाद भी ठेकेदारो की कार्यशैली में सुधार नहीं हो पा रहा है।
इधर, एडीएम वित्त एवं राजस्व ऋतु पुनिया ने भी मानकों के अनुसार नाला निर्माण के निर्देश दिए थे। एडीएम वित्त एवं राजस्व के निर्देश के बाद भी नालों में वाइब्रेटर का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। एसपी आवास के सामने बन रहे नाले में ठेकेदार की मनमानी अभी भी जारी है। कंक्रीट मिक्सर मशीन से तैयार निर्माण सामग्री डालने के बाद टैम्पिंग रॉड का प्रयोग तक नहीं किया जा रहा है। जिम्मेदार एसी कमरों में बैठकर नाला निर्माण कार्यों की समीक्षा कर रहे है। नगर पालिका ईओ लाल चंद्र भारती से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई परंतु संपर्क नहीं हो सका।