रिपोर्ट- सुमित सक्सेना
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म व हत्या के मामले में देश भर में गुस्सा बढ़ता जा रहा है। देश के साथ ही विदेश में भी विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। पीड़िता व उसके परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर देश भर के डॉक्टर एकजुट हो गए हैं। बड़े-बड़े अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों समेत चिकित्सक संगठन हड़ताल व विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
पीलीभीत के स्वशासी चिकित्सा महाविद्यालय में भी घटना को लेकर रोष देखने को मिला है। मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर अपनी साथी को न्याय दिलाने, दोषियों को कड़ी सजा देने व चिकित्सकों को सुरक्षा दिलाए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग है कि इस जघन्य अपराध में शामिल सभी लोगों को सख्त सजा दी जाए। साथ ही चिकित्सकों को काम करने के लिए अनुकूल वातावरण व सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
शनिवार को मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने बैनर, पोस्टर के साथ शहर भर में विरोध जताया। चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों का जुलूस शहर में मेडिकल कॉलेज के अस्पताल से निकलकर गौहनिया चौराहा, गांधी स्टेडियम रोड, थाना सुनगढ़ी, मधुवन कॉलोनी, छतरी चौराहा होते हुए वापस अस्पताल पहुंचा। इसके बाद सभी चिकित्सक व कर्मचारी अस्पताल गेट पर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान ‘वी वांट जस्टिस’ के बैनर लिए महिला रेजिडेंट डॉक्टर अपनी आवाज मुखर करती दिखाई दीं।
मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर कैडर ने भी पीड़िता के न्याय की मांग को लेकर हो रहे प्रदर्शन में अपनी सैद्धांतिक सहमति दी। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मचारियों ने भी रेजिडेंट डॉक्टरों को अपना समर्थन दिया। अस्पताल में ओपीडी बंद कर पीड़िता के लिए न्याय की मांग की गई।
इधर, देश में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई वीभत्स घटना पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन भी विरोध जता रहा है। शनिवार को जनपद भर में आईएमए चिकित्सकों ने ओपीडी व ऑपरेशन बंद रखने का एलान किया है। कोलकाता की पीड़िता के हक में आवाज बुलंद करने के लिए जगह जगह कैंडल मार्च, हड़ताल, विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
कोलकाता की घटना से सरकार के महिला सुरक्षा संबंधी दावों पर सवाल खड़े हो गए हैं। देश भर में एक स्वर में महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान को लेकर आवाज तेज हो गई है। ऐसे में सरकार को जल्द ही बड़ी कार्यवाही करनी होगी जिससे आमजन व चिकित्सकों का विश्वास बहाल हो सके। हालांकि मामले में सीबीआई जांच शुरू हो चुकी है।