पीलीभीत
जनपद में आयुष्मान कार्ड के फर्जीवाड़े को लेकर शासन स्तर से एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। व्यापक स्वास्थ्य व एकीकृत सेवाओं के लिए राज्य एजेंसी (साचीस) की मुख्य कार्यपालक अधिकारी संगीता सिंह ने जिलाधिकारी को इस बाबत पत्र भेजा है। पत्र में सोशल मीडिया पर वायरल एक भ्रामक विज्ञापन को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। जिलाधिकारी ने प्रकरण का संज्ञान लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक कुमार को प्राथमिकी दर्ज कराते हुए रिपोर्ट भेजने के लिए आदेशित किया है।
सोशल मीडिया पर शैलेंद्र कुमार नाम के व्यक्ति की तरफ से फोटो व मोबाइल नंबर लिखकर एक पोस्टर वायरल हो रहा है। पोस्टर में लिखा है कि आपातकालीन स्थिति में लिस्ट में बिना नाम के आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए संपर्क करें। आधार कार्ड और लिंक मोबाइल नंबर लेकर आएं और आयुष्मान कार्ड तुरंत बनवाकर ले जाएं।
वायरल पोस्टर प्रदेश के अधिकारियों तक पहुंचा तो आयुष्मान कार्ड बनाने में फर्जीवाड़ा होने की आशंका हुई। आनन फानन में जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह को पोस्टर भेजकर रिपोर्ट मांगी गई। साचीस कि सीईओ संगीता सिंह ने डीएम को पत्र भेजकर संबंधित के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई करने के आदेश दिए। डीएम ने तुरंत सीएमओ को एफआईआर कराने के लिए आदेशित किया। सीएमओ ने मामले में एफआईआर कराने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की, लेकिन अभी तक आयुष्मान कार्ड का फर्जीवाड़ा करने वाले के विरुद्ध एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
“प्रकरण संज्ञान में आया है। संबंधित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए गए हैं। प्राथमिकी दर्ज होते ही पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी। केवल पात्र लोगों का ही आयुष्मान कार्ड बनना संभव है। ऐसे किसी ठग के चक्कर में न पड़ें। अगर कोई व्यक्ति बिना पात्रता के कार्ड बनाने का दावा करता है, तो इसकी सूचना तत्काल स्वास्थ्य विभाग को दें।”
– डॉ. आलोक कुमार, सीएमओ