विवादित कृष्णा हॉस्पिटल का पंजीयन निरस्त – स्वास्थ्य विभाग ने शिकायत के बाद की कार्यवाही
बरखेड़ा निवासी एक गर्भवती की गई थी जान
रिपोर्ट सुमित सक्सेना, पीलीभीत. शहर में माधोटांडा रेलवे क्रासिंग के पास अलीगंज तिराहे पर स्थित कृष्णा हॉस्पिटल का पंजीयन स्वास्थ्य विभाग ने निरस्त कर दिया है। बरखेड़ा के दौलतपुर निवासी एक पीड़ित की शिकायत पर सेहत महकमे ने कार्यवाही की है। यह अस्पताल खुलने के दौरान से ही विवादों में घिरा था। आला अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के संरक्षण के चलते अस्पताल अनियमित ढंग से चलता रहा। अब इलाज में लापरवाही और गर्भवती की मौत का मामला सामने आने के बाद जांच कराई गई। जांच में अस्पताल संचालकों व चिकित्सकों की लापरवाही उजागर हुई। सीएमओ ने पूरे मामले में कार्यवाही करते हुए कृष्णा हॉस्पिटल का पंजीयन तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है।
बरखेड़ा के दौलतपुर पट्टी निवासी अमित गुप्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज करते हुए कहा कि वह अपनी गर्भवती पत्नी रानी को प्रसव के लिए सीएचसी बरखेड़ा लेकर गया, जहां हालत गंभीर होने की बात कहते हुए रेफर कर दिया गया। इसके बाद आशा उसे लेकर शहर से सटे कृष्णा हॉस्पिटल में आई। कृष्णा हॉस्पिटल में उचित व्यवस्थाएं न होने के बावजूद उसकी पत्नी को भर्ती किया गया। इलाज में बेवजह लेटलतीफी हुई जिससे उसकी पत्नी की हालत बिगड़ती चली गई। जब हालात चिकित्सकों के नियंत्रण से बाहर हो गए तो उन्होंने आनन फानन में रेफर कर दिया। इसके बाद हालत इतनी बिगड़ गई कि शहर के किसी अन्य अस्पताल ने लेने से इंकार कर दिया। कुछ समय बाद महिला अस्पताल जाते समय रास्ते में गर्भवती की मौत हो गई।
विभागीय जांच में सामने आया कि गर्भवती हाई रिस्क प्रेग्नेंसी में थी। कृष्णा हॉस्पिटल में हाई रिस्क प्रेग्नेंट महिलाओं के इलाज के लिए उचित व्यवस्थाएं नहीं हैं, इसके बावजूद अस्पताल में मरीज को भर्ती रखा गया। जब गर्भवती की हालत बिगड़ी तो उसे रेफर किया जाने लगा। कृष्णा हॉस्पिटल में अनावश्यक रूप से ऐसे मरीज को भर्ती रखकर समय खराब किया गया जिससे हालत गंभीर होती चली गई।
पूरे मामले में कृष्णा हॉस्पिटल की ओर से रजनीश कश्यप व डॉ.केपीएस चौहान जवाब देने पहुंचे। हालांकि विभाग की ओर से इलाज करने वाली चिकित्सक डॉ. आरवी चौहान व पर्सन इंचार्ज डॉ. भूपेंद्र को बुलाया गया था। अस्पताल में चले इलाज और सभी पक्षों के बयानों का विश्लेषण करने के बाद जांच अधिकारी ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट के आधार पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने कृष्णा हॉस्पिटल का पंजीयन निरस्त करने के आदेश दिए हैं।
वर्जन-
मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत प्राप्त हुई थी। गर्भवती की मौत और इलाज में लापरवाही के बिंदुओं पर जांच कराई गई। जांच में कृष्णा अस्पताल का दोष पाया गया जिसके बाद नियमानुसार कार्यवाही करते हुए पंजीयन निरस्त करने के आदेश दिए गए हैं।
– डॉ.आलोक कुमार, सीएमओ